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मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

धूप का कहा ,से






-------------- मैने जब कविता लिखना शुरू किया तब मै 10th की  student थी ! जब तक 12tha पास  किया 200 से ज्यादा  कविताएँ मेरी  डायरी में थीं , और  सखी - सहेलियों की  तारीफ़ भी !  घर के सब लोगों की शाबाशी भी ! सच  कहूँ तो उस ' डायरी ' को मै अपनी publish दोनों किताबों से भी ज्यादा सहेजकर रखती  हूँ !
----------------------------- ये दोनों पेज जो आप  देख रहे हैं ' धूप  का कहा ' से हैं ! जो मेरे 12th पास करने के बाद ही मेरे माँ - पापा ने publish करवा दी थी !इसी का 2nd एडिशन  इस साल ' डायमंड  पॉकेट  बुक्स ' ने भी छाप दिया !
--------------------------------- डॉ . प्रार्थना पंडित

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