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गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

with बशीर बद्र सा.


धूप भी कभी कहती है ?
      ओह / नही कहती क्या ?

नही कहती / तो धूप !
क्यों नहीं कुछ कहती ?

---------------------डॉ. प्रार्थना पंडित

( बशीर अंकल से मेरी मुलाकात 2 - 4 बार हुई ! उर्दू अकादमी में जब उन्होंने मुझे काव्यपाठ के दौरान सुना , तब सराहना की बहुत )

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