प्रकाशित काव्य संग्रह ---'धूप का कहा 'और ' एक गीत ज़िन्दगी ' से पाठक को जोड़े रखने की एक आत्मीय और ईमानदार कोशिश है / ये ब्लॉग --- :)
बुधवार, 31 जुलाई 2013
हाइकू : आवाज़
हाइकू : आवाज़: --------------------------------------------------------------------------------------- " आवाज़ ' वे ! घूमती हैं ! सकल ...
मंगलवार, 30 जुलाई 2013
सोमवार, 29 जुलाई 2013
शनिवार, 27 जुलाई 2013
मंगलवार, 23 जुलाई 2013
सोमवार, 22 जुलाई 2013
रविवार, 21 जुलाई 2013
तेरे ही पास रहकर ऐसे तुझको भूल
जाना क्यूँ,
जो जायज़ है मेरा ये रूठ जाना
फिर मनाना क्यूँ,
अगर मोती है रिश्ता और रिश्ते
दिल के होते हैं,
तो ऐसे दिल के मोती को सड़क
पे यूँ गिराना क्यूँ,
तुझे मालूम था मेरे ये सारे ज़ख्म
झूठे हैं
जो ये मालूम था तो आँख से आंसू
बहाना क्यूँ
वो इतरा के ये कहता है कि वो
आंसू नहीं समझा,
जो तुम बहला नहीं सकते किसी
को फिर रुलाना क्यूँ
dr.prarthna pandit
शनिवार, 20 जुलाई 2013
बुधवार, 17 जुलाई 2013
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