DR. PRARTHANA PANDIT: 3 sher:
आपकी बात मान ली मैंने
जाने क्यू रार ठान ली मैंने ,
सच ही कहना कहाँ मुनासिब था
जाने कितनो की जान ली मैंने,
रात ने ढल के दोबारा ...
आपकी बात मान ली मैंने
जाने क्यू रार ठान ली मैंने ,
सच ही कहना कहाँ मुनासिब था
जाने कितनो की जान ली मैंने,
रात ने ढल के दोबारा ...