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शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

DR. PRARTHANA PANDIT: 3 sher

DR. PRARTHANA PANDIT: 3 sher:

आपकी बात मान ली मैंने
 जाने क्यू रार ठान ली मैंने ,
 सच ही कहना कहाँ मुनासिब था
 जाने कितनो की जान ली मैंने,
 रात ने ढल के दोबारा ...

रविवार, 18 अगस्त 2013

3 शेर

आपकी बात मान ली मैंने
जाने क्यू रार ठान ली मैंने ,



सच ही कहना कहाँ मुनासिब था
जाने कितनो की जान ली मैंने,



रात ने ढल के दोबारा भोर की है 
कुछ सितारों की जान ली मैंने,


                                                    डॉ प्रार्थना पंडित



सोमवार, 5 अगस्त 2013

चन्द शेर





हर शख्स की आँखों में
इक सवाल देखना,
जब तक है ज़िन्दगी ये
मलाल देखना    

                                                                       डॉ प्रार्थना पंडित

शनिवार, 3 अगस्त 2013

:)



मेरे  प्रकाशित  काव्य  संग्रह '  धूप का कहा ' से  ली  गई  लाइंस  हैं / thnx

शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

हाइकू : haiga +

हाइकू : haiga +
मेरी उलझन से मैं, मैं हूँ
अपने शिकवों से तुम,तुम 
ख़ुद की नज़रों में सच मैं हूँ 
अपनी नज़रों मैं सच तुम 

एक नज़र कोई देखेगा और
ज़मी रुक जाएगी ,
शायद हम सब बड़े हुए  हैं 
इसी कहानी को सुन सुन 
                            

                       dr prarthna panditt