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शनिवार, 2 मार्च 2013

धूप का कहा ;डॉ. प्रार्थना पंडित

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धूप 

कहती रही / सुनती रही !
मौन की ये यन्त्रणा हय !
वो तिमिर छट गया ह्य!
ये धूप ने मुझसे कहा ह्य!
---------------------------------------डॉ. प्रार्थना पंडित

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